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इस नए वर्ष में कुछ पंक्तियाँ हमारे तमाम युवाओं के लिए , विजयी होने के लिए , उनका एहसास दिलाने के लिए , उनकी जरुरत बताने के लिए…..
“”ये युवाओं का मैदान है , इनका ये पैगाम है .
जंग की धरा पे आज , खड़े ये जवान हैं .
भूत अन्धकार है , आज पर विचार है .
भविष्य इनका अधिकार है .
कर्म पर कोई शक नहीं , फल पर कोई हक नहीं
ये परीक्षक का अंतिम प्रमाण है .
द्रण ये निश्चय हैं , उत्साह से भरपूर हैं .
विश्वास से खड़े हुए , आज के ये वीर हैं
राह पर ये चल रहे , कर्म को निभा रहे .
वीर हैं ये वीर अपनी मंजिलो को पा रहे .
बात हो ये देश की , धर्म की या प्रेम की .
संकट की घडी की , जीत की या हार की .
हर जगह अपना , परचम लहरा रहे .
ये युवाओं का मैदान है .
कहीं पे कोई छल नहीं , किसी पे कोई बल नहीं .
जीवन केवल खेल नहीं , ये तुम जानलो .
ये युवाओं का प्रचार है ,
की ज़िन्दगी तुम असल ज़िन्दगी मे ढाल दो .
समय ये सक्षम है , व्यक्ति अब अक्षम है .
ये अक्षमता का तुम बखान दो .
बस तुम सदा निर्भय रहो , समाज को अभय करो .
युवाओं को समेट लो , सबसे उनको जोड़ दो .
हौसला ये बुलंद करके देख लो ..””
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